खेल-खेल में उड़ा
खेल-खेल में उड़ा, पहुँचा- फट गया- आकाश में रंगीन गुब्बारा खुशी का। जिसने उड़ाया आकाश में पहुँचाया वह हुआ फिर गरीब बाप का गरीब बेटा- दुःख दर्द का चहेटा।

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