सब हैं व्यस्त
सब हैं व्यस्त संकट-ग्रस्त सब तरह से पीड़ित त्रस्त फुरसत किसे है अब कहाँ पास आए बैठे यहाँ कहे अपनी, सुने मेरी खुश हो और खुश बनाए।

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