चारु चरित्री
चारु चरित्री, चित्रित भाषा, मानवबोधी व्यंजक हो- संज्ञानी प्रतिबिंबन वाली अनुरागी, अनुरंजक हो, वस्तुपरक विवरण-बोधी भी कुंठित काय कठोर न हो, परिमल पूरित आत्मपरक हो, झंझा और झकोर न हो।

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