देता भी तो क्या देता मैं तुमको
देता भी तो क्या देता मैं तुमको प्यार-प्यार ही तो मैं देता तुमको वही दिया है- मैंने तुमको, वरण किया है आत्म-समर्पित होकर मैंने सही किया है बाहु-पाश में तुम्हें बाँधकर जीने का सुख लूट लिया है

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