चित्त होते हारते चले जाते हैं
चित्त होते हारते चले जाते हैं- एक-से-एक पुरन्दर पहलवान, अपने ही अखाड़े में अपने नौसिखियों से, अपने दाँव-पेंच से पछाड़े गए।

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