लेनिन
लेनिन एक व्यक्ति था पहले, नामों में एक नाम था पहले, सबकी जबान पर चढ़ा। लेनिन अब हो चुका है अवनी और आकाश- पवन-पानी और प्रकाश। लेनिन नहीं है-नहीं है पत्थर की एक मूर्त्ति, तोड़ दे जिसे कोई लेनिन नहीं है-नहीं है रेखांकित एक चित्र, फाड़ दे जिसे कोई। लेनिन सूर्य है सूर्य सत्य की रश्मियों का सूर्य, असत्य को भेद रहा सूर्य!

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