कविता जो न सार्थक हो
कविता जो न सार्थक हो- न सटीक हो- न बोधक हो- न बेधक हो मैं नहीं लिखता ऐसी कविता जो न आदमी के पहिचान की हो न सत्यालोकित संज्ञान की हो।

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