मैं कैसे अमरित बरसाऊँ
बजरंगी हूँ नहीं कि निज उर चीर तुम्हें दरसाऊँ ! रस-वस का लवलेश नहीं है, नाहक ही क्यों तरसाऊँ ? सूख गया है हिया किसी को किस प्रकार सरसाऊँ ? तुम्हीं बताओ मीत कि मै कैसे अमरित बरसाऊँ ? नभ के तारे तोड़ किस तरह मैं महराब बनाऊँ ? कैसे हाकिम और हकूमत की मै खैर मनाऊँ ? अलंकार के चमत्कार मै किस प्रकार दिखलाऊँ ? तुम्हीं बताओ मीत कि मै कैसे अमरित बरसाऊँ ? गज की जैसी चाल , हरिन के नैन कहाँ से लाऊँ ? बौर चूसती कोयल की मै बैन कहाँ से लाऊँ ? झड़े जा रहे बाल , किस तरह जुल्फें मै दिखलाऊँ ? तुम्हीं बताओ मीत कि मै कैसे अमरित बरसाऊँ ? कहो कि कैसे झूठ बोलना सीखूँ और सिखलाऊँ ? कहो कि अच्छा - ही - अच्छा सब कुछ कैसे दिखलाऊँ ? कहो कि कैसे सरकंडे से स्वर्ण - किरण लिख लाऊँ ? तुम्हीं बताओ मीत कि मैं कैसे अमरित बरसाऊँ ? कहो शंख के बदले कैसे घोंघा फूंक बजाऊँ ? महंगा कपड़ा, कैसे मैं प्रियदर्शन साज सजाऊँ ? बड़े - बड़े निर्लज्ज बन गए, मै क्यों आज लजाऊँ ? तुम्हीं बताओ मीत कि मै कैसे अमरित बरसाऊँ ? लखनऊ - दिल्ली जा - जा मै भी कहो कोच गरमाऊँ ? गोल - मोल बातों से मै भी पब्लिक को भरमाऊँ ? भूलूं क्या पिछली परतिज्ञा , उलटी गंग बहाऊँ ? तुम्हीं बताओ मीत कि मैं कैसे अमरित बरसाऊँ ? चाँदी का हल , फार सोने का कैसे मैं जुतवाऊँ ? इन होठों मे लोगों से कैसे रबड़ी पुतवाऊँ ? घाघों से ही मै भी क्या अपनी कीमत कुतवाऊँ ? तुम्हीं बताओ मीत कि मै कैसे अमरित बरसाऊँ ? फूंक मारकर कागज़ पर मैं कैसे पेड़ उगाऊँ ? पवन - पंख पर चढ़कर कैसे दरस - परस दे जाऊँ ? किस प्रकार दिन - रैन राम धुन की ही बीन बजाऊँ ? तुम्हीं बताओ मीत कि मैं कैसे अमरित बरसाऊँ ? दर्द बड़ा गहरा किस - किससे दिल का हाल बताऊँ ? एक की न, दस की न , बीस की , सब की खैर मनाऊँ ? देस - दसा कह - सुनकर ही दुःख बाँटू और बटाऊँ ? तुम्हीं बताओ मीत कि मैं कैसे अमरित बरसाऊँ ? बकने दो , बकते हैं जो , उन को क्या मैं समझाऊँ ? नहीं असंभव जो मैं उनकी समझ में कुछ न आऊँ ? सिर के बल चलनेवालों को मैं क्या चाल सुझाऊँ ? तुम्हीं बताओ मीत कि मै कैसे अमरित बरसाऊँ ? जुल्मों के जो मैल निकाले , उनको शीश झुकाऊँ ? जो खोजी गहरे भावों के , बलि - बलि उन पे जाऊँ ! मै बुद्धू , किस भांति किसी से बाजी बदूँ - बदाऊँ ? तुम्हीं बताओ मीत कि मैं कैसे अमरित बरसाऊँ ? पंडित की मैं पूंछ , आज - कल कबित - कुठार कहाऊँ ! जालिम जोकों की जमात पर कस - कस लात जमाऊँ ! चिंतक चतुर चाचा लोगों को जा - जा निकट चिढाऊँ ! तुम्हीं बताओ मीत कि मैं कैसे अमरित बरसाऊँ ?

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