कर दो वमन !
प्रभु तुम कर दो वमन ! होगा मेरी क्षुधा का शमन !! स्वीकृति हो करुणामय, अजीर्ण अन्न भोजी अपंगो का नमन ! आते रहे यों ही यम की जम्हायियों के झोंके होने न पाए हरा यह चमन प्रभु तुम कर दो वमन ! मार दें भीतर का भाप उमगती दूबों का आवागमन बुझ जाए तुम्हारी आंतों की गैस से हिंद की धरती का मन प्रभु तुम कर दो वमन ! होगा मेरी क्षुधा का शमन !!

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