नए सिरे से
नए सिरे से घिरे-घिरे से हमने झेले तानाशाही के वे हमले आगे भी झेलें हम शायद तानाशाही के वे हमले... नए सिरे से घिरे-घिरे से "बदल-बदल कर चखा करे तू दुख-दर्दों का स्वाद" "शुद्ध स्वदेशी तानाशाही आए तुझको याद" "फिर-फिर तुझको हुलसित रक्खे अपना ही उन्माद" "तुझे गर्व है, बना रहे तू अपना ही अपवाद"

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