लघुत्तम है उसका अस्तित्व
लघुत्तम है उसका अस्तित्व जिसे कोई नहीं जानता महत्तम है उसकी ग़रीबी क्षितिज तक फैली छायाओं के सामान जिसे सब जानते हैं चलते और कुचलते

Read Next