चुप है पेड़
चुप है पेड़ और चुप है पेड़ की बाँह पर बैठी चिड़िया। चुप्पी पर्याय नहीं होती बसन्त का फूल-मौसम बुलाने के लिए। फिर भी खुश है अपत पेड़ कि बाँह पर बैठी चिड़िया उससे अधिक जानदार है- उसी से उसको प्यार है।

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