खिड़की बंद, किवाड़ बंद
खिड़की बंद, किंवाड़े बंद, मेरे कोठे में कोठे की आत्मा बंद। बाहर दुनिया खुली-खुली, खुला-खुला आकाश जग का जीवन खुला-खुला। मैं कोठे में कैद, मैं दुनिया में मुक्त; मैं मरता हूँ भीतर-बाहर; मैं जीता हूँ बाहर-बाहर। मेरा मरना- मेरा जीना दोनों हैं युग-धर्म- दोनों हैं संघर्ष। मुझे चाहिए भीतर-बाहर मेल; नहीं चाहिए दोनों का अनमेल। खिड़की खुलें-किवाड़ें उघरें, कोठे की आत्मा हो मुक्त; मैं दुनिया-आकाश जिऊँ मेरी आत्मा भीतर-बाहर एक हो।

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