पेड़ से
परांगमुख हो गया पेड़ से टूटकर पेड़ का पत्ता। पाताल में पैठता चला गया पुरुषार्थी मेघों का पुरातन पराक्रमी यात्री। देश में तड़पती है देश की राजनीति कल्थे खाती-- मरती चली जाती। जप और जाप से जिन्दगी जिलाते हैं काठ के उल्लू; मरी राजनीति में असफल घुघुआते हैं काठ के उल्लू। (जगजीवन राम के पार्टी परित्याग पर)

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