रू-ए-सुख़न है कीधर अहल-ए-जहाँ का या रब
रू-ए-सुख़न है कीधर अहल-ए-जहाँ का या रब सब मुत्तफ़िक़ हैं इस पर हर एक का ख़ुदा है

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