सितम ही करना जफ़ा ही करना निगाह-ए-उल्फ़त कभी न करना
सितम ही करना जफ़ा ही करना निगाह-ए-उल्फ़त कभी न करना तुम्हें क़सम है हमारे सर की हमारे हक़ में कमी न करना

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