निगह निकली न दिल की चोर ज़ुल्फ़-ए-अम्बरीं निकली
निगह निकली न दिल की चोर ज़ुल्फ़-ए-अम्बरीं निकली इधर ला हाथ मुट्ठी खोल ये चोरी यहीं निकली

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