मर्ग-ए-दुश्मन का ज़ियादा तुम से है मुझ को मलाल
मर्ग-ए-दुश्मन का ज़ियादा तुम से है मुझ को मलाल दुश्मनी का लुत्फ़ शिकवों का मज़ा जाता रहा

Read Next