दी शब-ए-वस्ल मोअज़्ज़िन ने अज़ाँ पिछली रात
दी शब-ए-वस्ल मोअज़्ज़िन ने अज़ाँ पिछली रात हाए कम-बख़्त को किस वक़्त ख़ुदा याद आया

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