भरे हैं तुझ में वो लाखों हुनर ऐ मजमअ-ए-ख़ूबी
भरे हैं तुझ में वो लाखों हुनर ऐ मजमअ-ए-ख़ूबी मुलाक़ाती तिरा गोया भरी महफ़िल से मिलता है

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