भवें तनती हैं ख़ंजर हाथ में है तन के बैठे हैं
भवें तनती हैं ख़ंजर हाथ में है तन के बैठे हैं किसी से आज बिगड़ी है कि वो यूँ बन के बैठे हैं

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