दर्द तो मौजूद है दिल में दवा हो या न हो
दर्द तो मौजूद है दिल में दवा हो या न हो बंदगी हालत से ज़ाहिर है ख़ुदा हो या न हो झूमती है शाख़-ए-गुल खिलते हैं ग़ुंचे दम-ब-दम बा-असर गुलशन में तहरीक-ए-सबा हो या न हो वज्द में लाते हैं मुझ को बुलबुलों के ज़मज़मे आप के नज़दीक बा-मअ'नी सदा हो या न हो कर दिया है ज़िंदगी ने बज़्म-ए-हस्ती में शरीक उस का कुछ मक़्सूद कोई मुद्दआ हो या न हो क्यूँ सिवल-सर्जन का आना रोकता है हम-नशीं इस में है इक बात ऑनर की शिफ़ा हो या न हो मौलवी साहिब न छोड़ेंगे ख़ुदा गो बख़्श दे घेर ही लेंगे पुलिस वाले सज़ा हो या न हो मिमबरी से आप पर तो वार्निश हो जाएगी क़ौम की हालत में कुछ इस से जिला हो या न हो मो'तरिज़ क्यूँ हो अगर समझे तुम्हें सय्याद दिल ऐसे गेसू हूँ तो शुबह दाम का हो या न हो

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