दुख़्तर-ए-रज़ ने उठा रक्खी है आफ़त सर पर
दुख़्तर-ए-रज़ ने उठा रक्खी है आफ़त सर पर ख़ैरियत गुज़री कि अंगूर के बेटा न हुआ

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