अगर मज़हब ख़लल-अंदाज़ है मुल्की मक़ासिद में
अगर मज़हब ख़लल-अंदाज़ है मुल्की मक़ासिद में तो शैख़ ओ बरहमन पिन्हाँ रहें दैर ओ मसाजिद में

Read Next