तुम हुस्न की ख़ुद इक दुनिया हो शायद ये तुम्हें मालूम नहीं
तुम हुस्न की ख़ुद इक दुनिया हो शायद ये तुम्हें मालूम नहीं महफ़िल में तुम्हारे आने से हर चीज़ पे नूर आ जाता है

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