तिरी दुनिया में जीने से तो बेहतर है कि मर जाएँ
तिरी दुनिया में जीने से तो बेहतर है कि मर जाएँ वही आँसू वही आहें वही ग़म है जिधर जाएँ कोई तो ऐसा घर होता जहाँ से प्यार मिल जाता वही बेगाने चेहरे हैं जहाँ जाएँ जिधर जाएँ अरे ओ आसमाँ वाले बता इस में बुरा क्या है ख़ुशी के चार झोंके गर इधर से भी गुज़र जाएँ

Read Next