चेहरे पे ख़ुशी छा जाती है आँखों में सुरूर आ जाता है
चेहरे पे ख़ुशी छा जाती है आँखों में सुरूर आ जाता है जब तुम मुझे अपना कहते हो अपने पे ग़ुरूर आ जाता है तुम हुस्न की ख़ुद इक दुनिया हो शायद ये तुम्हें मालूम नहीं महफ़िल में तुम्हारे आने से हर चीज़ पे नूर आ जाता है हम पास से तुम को क्या देखें तुम जब भी मुक़ाबिल होते हो बेताब निगाहों के आगे पर्दा सा ज़रूर आ जाता है जब तुम से मोहब्बत की हम ने तब जा के कहीं ये राज़ खुला मरने का सलीक़ा आते ही जीने का शुऊर आ जाता है

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