दानी नए भए माँबन दान सुनै
दानी नए भए माँबन दान सुनै गुपै कंस तो बांधे नगैहो रोकत हीं बन में रसखानि पसारत हाथ महा दुख पैहो। टूटें धरा बछरदिक गोधन जोधन हे सु सबै पुनि दहो। जेहै जो भूषण काहू तिया कौ तो मोल छला के लाला न विकेहो।

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