गोरी बाल थोरी वैस, लाल पै गुलाल मूठि -
तानि कै चपल चली आनँद-उठान सों।
वाँए पानि घूँघट की गहनि चहनि ओट,
चोटन करति अति तीखे नैन-बान सों॥
कोटि दामिनीन के दलन दलि-मलि पाँय,
दाय जीत आई, झुंडमिली है सयान सों।
मीड़िवे के लेखे कर-मीडिवौई हाथ लग्यौ,
सो न लगी हाथ, रहे सकुचि सुखान सों॥