पिल्ला
नीतू का था पिल्ला एक, बदन पे उसके रुएँ अनेक। छोटी टाँगें लंबी पूँछ भूरी दाढ़ी काली मूँछ। मक्खी से वह लड़ता था, खड़े-खड़े गिर पड़ता था!
दुनिया सबकी

Read Next