बुत-परस्ती जिस से होवे हक़-परस्ती ऐ 'ज़फ़र'
बुत-परस्ती जिस से होवे हक़-परस्ती ऐ 'ज़फ़र' क्या कहूँ तुझ से कि वो तर्ज़-ए-परस्तिश और है

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