लोगों का एहसान है मुझ पर और तिरा मैं शुक्र-गुज़ार
लोगों का एहसान है मुझ पर और तिरा मैं शुक्र-गुज़ार तीर-ए-नज़र से तुम ने मारा लाश उठाई लोगों ने

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