साथी सो ना कर कुछ बात
साथी सो न कर कुछ बात। पूर्ण कर दे वह कहानी, जो शुरू की थी सुनानी, आदि जिसका हर निशा में, अन्त चिर अज्ञात साथी सो न कर कुछ बात। बात करते सो गया तू, स्वप्न में फिर खो गया तू, रह गया मैं और आधी रात आधी बात साथी सो न कर कुछ बात।

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