मुझे न सपनों से बहलाओ
मुझे न सपनों से बहलाओ! धोखा आदि-अंत है जिनका, क्या विश्वास करूँ मैं इनका; सत्य हुआ मुखरित जीवन में, मत सपनों का गीत सुनाओ! मुझे न सपनों से बहलाओ! जग का सत्य स्वप्न हो जाता, सपनों से पहले खो जाता, मैं कर्तव्य करूँगा लेकिन मुझमें अब मत मोह जगाओ! मुझे न सपनों से बहलाओ! सच्चे मन से मैं कहता हूँ, नहीं भावना में बहता हूँ, मैं उजाड़ अब चला, विश्व तुम अपना सुख-संसार बसाओ! मुझे न सपनों से बहलाओ!

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