पंगु पर्वत पर चढ़ोगे
पंगु पर्वत पर चढ़ोगे! चोटियाँ इस गिरि गहन की बात करतीं हैं गगन से, और तुम सम भूमि पर चलना अगर चाहो गिरोगे। पंगु पर्वत पर चढ़ोगे! तुम किसी की भी कृपा का बल न मानोगे सफल हो? औ’ विफल हो दोष अपना सिर न औरों के मढ़ोगे? पंगु पर्वत पर चढ़ोगे! यह इरादा नप अगर सकता शिखर से उच्च होता, गिरि झुकेगा ही इसे ले जबकि तुम आगे बढ़ोगे। पंगु पर्वत पर चढ़ोगे।

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