तन में ताकत हो तो आओ।
पथ पर पड़ी हुई चट्टानें,
दृढ़तर हैं वीरों की आनें,
पहले-सी अब कठिन कहाँ है--ठोकर एक लगाओ।
तन में ताकत हो तो आओ।
राह रोक है खड़ा हिमालय,
यदि तुममें दम, यदि तुम निर्भय,
खिसक जाएगा कुछ निश्चय है--घूँसा एक लगाओ।
तन में ताकत हो तो आओ।
रस की कमी नही है जग में,
बहता नहीं मिलेगा मग में,
लोहे के पंजे से जीवन की यह लता दबाओ।
तन में ताकत हो तो आओ।