बुलबुल जा रही है आज!
प्राण सौरभ से भिदा है,
कंटकों से तन छिदा है,
याद भोगे सुख-दुखों की आ रही है आज!
बुलबुल जा रही है आज!
प्यार मेरा फूल को भी,
प्यार मेरा शूल को भी,
फूल से मैं खुश, नहीं मैं शूल से नाराज!
बुलबुल जा रही है आज!
आ रहा तूफान हर-हर,
अब न जाने यह उड़ाकर,
फेंक देगा किस जगह पर!
तुम रहो खिलते, महकते कलि-प्रसून-समाज!
बुलबुल जा रही है आज