देश पर आक्रमण
कटक संवार शत्रु देश पर चढ़ा, घमंड, घोर शोर से भरा बढ़ा, स्वतंत्र देश, उठ इसे सबक सिखा, बहुत हुई न देर अब लगा जरा। समस्त शक्ति युद्ध में उड़ेल दे, ग़नीम को पहाड़ पार ठेल दे, पहाड़ पंथ रोकता, ढकेल दे, बने नवीन शौर्य की परंपरा। न दे, न दे, न दे स्वदेश की भुईं, जिसे कि नोक से दबा सके सुई, स्वतंत्र देश की प्रथम परख हुई, उतर खरा, उतर खरा, उतर खरा।

Read Next