जब नदी मर गई-जब नदी जी उठी
कौन था वह युगल जो गलती-ठिठुरती यामिनी में जबकि कैम्ब्रिज श्रांत,विस्मृत-जड़ित होकर सो गया था कैम के पुल पर खड़ा था-- पुरुष का हर अंग प्रणयांगार की गर्मी लिए मनुहार-चंचल, और नारी फ्रीजिडेयर से निकली, संगमरमर मूर्ति-सी निश्चेष्ट, निश्चल. घड़ी ट्रिनिटी की अठारह बार बोली, युगल ने छत्तीस की मुद्रा बना ली; और तारों से उतर कुहरा

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