साथी, हमें अलग होना है
साथी, हमें अलग होना है! भार उठाते सब अपने बल, संवेदना प्रथा है केवल, अपने सुख-दुख के बोझे को सबको अलग-अलग ढोना है! साथी, हमें अलग होना है! संग क्षणिक ही तेरा-मेरा, एक रहा कुछ दिन पथ-डेरा, जो कुछ भी पाया है हमने, एक न एक समय खोना है! साथी, हमें अलग होना है! मिलकर एक गीत, आ, गा लें, मिलकर दो-दो अश्रु बहा लें, अलग-अलग ही अब से हमको जीवन में गाना रोना है! साथी, हमें अलग होना है!

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