शुरू हुआ उजियाला होना
शुरू हुआ उजियाला होना! हटता जाता है नभ से तम, संख्या तारों की होती कम, उषा झाँकती उठा क्षितिज से बादल की चादर का कोना! शुरू हुआ उजियाला होना! ओस-कणों से निर्मल-निर्मल, उज्जवल-उज्जवल शीतल-शीतल शुरू किया प्रातः समीर ने तरु-पल्लव-तृण का मुँह धोना! शुरू हुआ उजियाला होना! किसी बसे द्रुम की ड़ाली पर, सद्यः जागृत चिड़ियों का स्वर, किसी सुखी घर से सुन पड़ता है नन्हें बच्चों का रोना! शुरू हुआ उजियाला होना!

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