हर तरफ़ छा गए पैग़ाम-ए-मोहब्बत बन कर
हर तरफ़ छा गए पैग़ाम-ए-मोहब्बत बन कर मुझ से अच्छी रही क़िस्मत मेरे अफ़्सानों की

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