तस्वीर के दो रुख़ हैं जाँ और ग़म-ए-जानाँ
तस्वीर के दो रुख़ हैं जाँ और ग़म-ए-जानाँ इक नक़्श छुपाना है इक नक़्श दिखाना है

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