हाए ये हुस्न-ए-तसव्वुर का फ़रेब-ए-रंग-ओ-बू
हाए ये हुस्न-ए-तसव्वुर का फ़रेब-ए-रंग-ओ-बू मैं ये समझा जैसे वो जान-ए-बहार आ ही गया

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