लाखों में इंतिख़ाब के क़ाबिल बना दिया
लाखों में इंतिख़ाब के क़ाबिल बना दिया जिस दिल को तुम ने देख लिया दिल बना दिया हर-चंद कर दिया मुझे बर्बाद इश्क़ ने लेकिन उन्हें तो शेफ़्ता-ए-दिल बना दिया पहले कहाँ ये नाज़ थे ये इश्वा ओ अदा दिल को दुआएँ दो तुम्हें क़ातिल बना दिया

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