आँकड़ों की बीमारी
एक बार मुझे आँकड़ों की उल्टियाँ होने लगीं गिनते गिनते जब संख्या करोड़ों को पार करने लगी मैं बेहोश हो गया होश आया तो मैं अस्पताल में था खून चढ़ाया जा रहा था आँक्सीजन दी जा रही थी कि मैं चिल्लाया डाक्टर मुझे बुरी तरह हँसी आ रही यह हँसानेवाली गैस है शायद प्राण बचानेवाली नहीं तुम मुझे हँसने पर मजबूर नहीं कर सकते इस देश में हर एक को अफ़सोस के साथ जीने का पैदाइशी हक़ है वरना कोई माने नहीं रखते हमारी आज़ादी और प्रजातंत्र बोलिए नहीं - नर्स ने कहा - बेहद कमज़ोर हैं आप बड़ी मुश्किल से क़ाबू में आया है रक्तचाप डाक्टर ने समझाया - आँकड़ों का वाइरस बुरी तरह फैल रहा आजकल सीधे दिमाग़ पर असर करता भाग्यवान हैं आप कि बच गए कुछ भी हो सकता था आपको – सन्निपात कि आप बोलते ही चले जाते या पक्षाघात कि हमेशा कि लिए बन्द हो जाता आपका बोलना मस्तिष्क की कोई भी नस फट सकती थी इतनी बड़ी संख्या के दबाव से हम सब एक नाज़ुक दौर से गुज़र रहे तादाद के मामले में उत्तेजना घातक हो सकती है आँकड़ों पर कई दवा काम नहीं करती शान्ति से काम लें अगर बच गए आप तो करोड़ों में एक होंगे ..... अचानक मुझे लगा ख़तरों से सावधान कराते की संकेत-चिह्न में बदल गई थी डाक्टर की सूरत और मैं आँकड़ों का काटा चीख़ता चला जा रहा था कि हम आँकड़े नहीं आदमी हैं

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