इस जग की चल छाया चित्रित
इस जग की चल छाया चित्रित रंग यवनिका के भीतर छिप जाएँगें जब हम प्रेयसि, जीवन का छल अभिनय कर! रंग धरा पर हास अश्रु के दृश्य रहेंगे इसी प्रकार हम न रहेंगे, मायामय का पर न रुकेगा खेल, उमर!

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