तेरे करुणांबुधि का केवल
तेरे करुणांबुधि का केवल एक झाग यह नीलाकाश, तेरे आँगन के कोने में, सौ सजीव काबों का वास! तदि मैं तेरे दया द्वार तक पहुँच सकूँ, जीवन हो धन्य, थक कर मग ही में रह जाऊँ तो न व्यर्थ हो वह आयास!

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