उमर न कभी हरित होगा फिर
उमर न कभी हरित होगा फिर पलित वयस का गलित लिबास, मेरे मन अनुकूल फिरेगा भाग्य चक्र, यह व्यर्थ प्रयास! पान पात्र भर ले मदिरा से शोक न कर, मदिरा कर पान, कभी सुराही टूट, सुरा ही रह जाएगी, कर विश्वास!

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