Poets
Poetry
Books
Log in
Poets
Poetry
Books
Poetry
/
उमर न कभी हरित होगा फिर
उमर न कभी हरित होगा फिर
Sumitranandan Pant
#
Hindi
उमर न कभी हरित होगा फिर पलित वयस का गलित लिबास, मेरे मन अनुकूल फिरेगा भाग्य चक्र, यह व्यर्थ प्रयास! पान पात्र भर ले मदिरा से शोक न कर, मदिरा कर पान, कभी सुराही टूट, सुरा ही रह जाएगी, कर विश्वास!
Share
Read later
Copy
Last edited by
abhishek
January 16, 2017
Added by
Chhotaladka
January 16, 2017
Similar item:
www.kavitakosh.org
Views:
12,234,002
Feedback
Read Next
Loading suggestions...
Show more
Cancel
Log in