जिसके प्रति अपनाव
जिसके प्रति अपनाव वही अपना ख़ैयाम! जिसमें है दुर्भाव ग़ैर है उसका नाम! विष दे जीवन दान सुधा वह बने ललाम, मधु अहि-दंश समान न विस्मृति दे यदि जाम!

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